Mon. Feb 3rd, 2025
कामाख्या देवी शक्तिपीठ: महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि ने तोड़ी भ्रांतियों की जंजीरकामाख्या देवी शक्तिपीठ: महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि ने तोड़ी भ्रांतियों की जंजीर

कामाख्या देवी शक्तिपीठ, असम के गुवाहाटी में स्थित नीलांचल पर्वत पर बना एक अद्वितीय धार्मिक स्थल है. इसे 51 शक्तिपीठों में सबसे प्रमुख माना जाता है. यहां मां सती का योनि मंडल गिरा था, जो नारी शक्ति और सृष्टि के आरंभ का प्रतीक है. लेकिन समय-समय पर इस शक्तिपीठ के बारे में कई भ्रांतियां और अफवाहें फैलाई गई हैं. आपने भी इस आध्यात्मिक स्थल के बारे में कई रहस्य सुने होंगे जो की भ्रांतियां के अलावा कुछ नहीं है. महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि ने अपने साक्षात्कार में इन अफवाहों का खंडन करते हुए कामाख्या धाम की सच्चाई को सामने रखा. महामंडलेश्वर के माध्यम से आज हम उन अफवाहों को खारिज करेंगे.

ब्रह्मपुत्र नदी का लाल होना: ऐतिहासिक घटना, वर्तमान में गलत धारणा

अफवाह: यह कहा जाता है कि ब्रह्मपुत्र नदी का पानी लाल हो जाता है, जो कामाख्या धाम की चमत्कारी घटना है.
महामंडलेश्वर का खंडन:
महामंडलेश्वर ने इस बात को पूरी तरह गलत ठहराया। उन्होंने कहा कि यह घटना लगभग 200 साल पहले होती थी, लेकिन आज के समय में यह केवल अफवाह है। यह प्राकृतिक घटनाओं का हिस्सा था, जिसका वर्तमान समय से कोई संबंध नहीं है।

कामाख्या सिंदूर का रहस्य: सौभाग्य का प्रतीक, लेकिन नकली उत्पादों का व्यापार

अफवाह: बाजार में बिकता है कामाख्या सिंदूर
महामंडलेश्वर का खंडन:
उन्होंने बताया कि असली कामाख्या सिंदूर अत्यंत दुर्लभ और पवित्र है, जो केवल सौभाग्यशाली व्यक्तियों को प्राप्त होता है. इसकी मात्रा बहुत कम होती है और इसे धार्मिक रूप से विशेष स्थानों जैसे आर्मी और प्रधानमंत्री के लिए भेजा जाता है. लेकिन नकली सिंदूर का व्यापार कुछ लोगों द्वारा किया जा रहा है, जो इस पवित्रता को दूषित करने का प्रयास है। लेकिन नकली सिंदूर किसी भी प्रकार का प्रभाव नहीं दिखाता है.

काला जादू और तंत्र-मंत्र का स्थान: अफवाहों का खंडन

अफवाह: कामाख्या धाम को काला जादू और तंत्र-मंत्र का केंद्र कहा जाता है.
महामंडलेश्वर का खंडन:
महामंडलेश्वर ने स्पष्ट किया कि कामाख्या धाम का संबंध तंत्र साधना और नकारात्मक क्रियाओं से नहीं है. यहां मां की आराधना और आध्यात्मिक साधना होती है. उन्होंने कहा, “यह अफवाहें केवल कामाख्या धाम की छवि को खराब करने के लिए फैलाई गई हैं. यहां आकर जो अनुभव होता है, वह केवल शुद्ध भक्ति और ऊर्जा का है.”

सभी धर्मों के लिए खुले द्वार: कोई भेदभाव नहीं

अफवाह: यह कहा जाता है कि कामाख्या धाम केवल हिंदुओं के लिए है.
महामंडलेश्वर का खंडन:
उन्होंने इस भ्रांति को दूर करते हुए कहा कि कामाख्या धाम में सभी धर्मों के लोग आ सकते हैं. यहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, सभी को मां के दर्शन करने का अधिकार है. सिख धर्म के अनुयायी यहां सेवा भी देते हैं. मां कामाख्या सभी को समान रूप से स्वीकार करती हैं, और यहां कोई भी भेदभाव नहीं होता.

चार धामों के बराबर फल: कामाख्या धाम का महत्व

अफवाह: कुछ लोग कामाख्या धाम को अन्य तीर्थस्थानों से कम महत्व का मानते हैं.
महामंडलेश्वर का खंडन:
महामंडलेश्वर ने इस विचार को खारिज करते हुए कहा कि कामाख्या धाम की यात्रा का फल चार धामों के बराबर है. उन्होंने इसे सनातन धर्म का ऊर्जा केंद्र बताया, जहां हर व्यक्ति अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए आता है और मां कामाख्या उसकी इच्छाएं पूरी करती हैं.

स्वयं अनुभव करें, अफवाहों पर न जाएं

महामंडलेश्वर संजना नंद गिरि ने सभी भक्तों को संदेश दिया कि कामाख्या धाम में आकर स्वयं अनुभव करें और सुनी-सुनाई बातों पर विश्वास न करें. यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा और नारी शक्ति का महत्व पूरे संसार में अद्वितीय है. कामाख्या धाम सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि सत्य, शक्ति, और नारी के सम्मान का प्रतीक है.

By Chetna Sharma

Chetna Sharma is a prominent author known for her expertise in the realm of entertainment news.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version